पल-पल गिरगिट की तरह रंग बदलता है आदमी। नित्य करै भूल, गलती का पुतला है आदमी। पल-पल गिरगिट की तरह रंग बदलता है आदमी। नित्य करै भूल, गलती का पुतला है आद...
पहले फूंको कलुष भाव को, निज दोषों का दाह करें पहले फूंको कलुष भाव को, निज दोषों का दाह करें
यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक "कयामत की रात" से है जो कि एमाज़ॉन किंडल पर उपलब्ध है। यह एक सत्य घटना पर ... यह कविता मेरी दूसरी पुस्तक "कयामत की रात" से है जो कि एमाज़ॉन किंडल पर उपलब्ध है।...
हर साल की तरह इस साल भी हम रावण का पुतला जलाएंगे। हर साल की तरह इस साल भी हम रावण का पुतला जलाएंगे।
जैसे एक बच्चा मां की गोद में। बता तुझ में मुझ में अन्तर ही क्या है। जैसे एक बच्चा मां की गोद में। बता तुझ में मुझ में अन्तर ही क्या है।
यही सच्ची इंसानियत व मानवता की सीख है। यही सच्ची इंसानियत व मानवता की सीख है।